प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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बदला संज्ञा पुं॰ [अ॰ बदल ,हि॰ बदलना]

१. एक वस्तु देकर दूसरी वस्तु लिया जाना या एक वस्तु लेकर दूसरी वस्तु दिया जाना । परस्पर लेने ओर देने का व्यवहार । विनमय । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना ।

२. एक पक्ष की वस्तु के स्थान पर दूसरे पक्ष वी वस्तु जो उपस्थित की जाय । एक वो वस्तु के स्थान पर दूसरा जो दूसरी वस्तु दे । एक वस्तु को हानी या स्थान की पूर्ति के लिये उपस्थित की हूई दूसरी वस्तु । जैसे,—चिज खो गई तो खो गई उसका बदला लेकर क्या आए हो ?

३. किसी वस्तु के स्थान वी दूसरी वस्तु से पूर्ति । किसी चीज की कमी या नुकसान दूसरी चीज से पूरा करना या भरना । पलटा । एवज । जैसे,—दूसरे की चीज है, खो जायगी तो बदला देना पड़ेगा । संयो॰ क्रि॰—देना । लेना । मुहा॰—बदले=(१) बदले में । स्थान वी पूर्ति में । जगह पर । एवज में । जैसे,—इस तिपाई को हटाकर इसके बदले एक कुरसी रखो । (२) हानि की पूर्ति के लेये । नुकसान भरने के लिये । जैसे—घड़ी खो जायगी तो इसके बदले दूसरी घड़ी देनी होगी ।

४. एक पक्ष के किसी व्यवहार के उत्तर में दूसरे पक्ष का वैसा ही व्यवहार । एक दूसरे के साथ जैसी बात करे दूसरे का उसके साथ वैसी ही बात करना । पलटा । एवज । प्रतीकार । जैसे,—(क) बुराई का बदला भलाई से देना चाहिए । (ख) मैंने तुम्हारे साथ जो इतनी भलाई की उसका क्या यही बदला है । मुहा॰—बदला देना=उपकार के पलटे में उपकार करना । प्रत्युपकार करना । किसी से कूछ लाभ उठाकर उसे लाभ पहुँचाना । बदला लेना=अपकार के पलटे में आकार करना । किसी के बूराई करने पर उसके साथ वुरीई करना । जैसे,— तुमने आज उसे मारा है, इसका बदला वह जरुर लेगा ।

५. किसी कर्म का परिणाम जो भोगना पड़ै । प्रतिफल । नतीजा । जैसे,—तुम्हें इसका बदला ईश्वर के यहां मिलेगा ।