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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

बढ़ती संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ बढ़ना + ती(प्रत्य॰)]

१. तोल या गिनती में अधिकता । मान या संख्या में वृद्धि । मात्रा का आधिक्य । जैसे, अनाज की बढ़ती, रुपए पैसे की बढ़ती । विशेष—विस्तार की वृद्धि के लिये अधिकतर बाढ़' शब्द का प्रयोग होता है । जैसे, पौधे की बाढ़ आदमी की बाढ़, नदी की बाढ़ आदि ।

२. धन धान्य की वृद्धि । धन संपत्ति आदि का बढ़ना । उन्नति । जैसे,—दाता, तुम्हारी बढ़ती हो । मुहा॰—बढ़ती का पहरा = निरंतर उन्नति होना । अनवरत समृद्धि के दिन ।