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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

बक्र ^१ वि॰ [सं॰ वक्र] टेढ़ा । तिरछा । उ॰— बक्र चंद्रमहि ग्रसै न राहू ।— मानस, १ । १८१ ।