बकाना क्रि॰ सं॰ [हिं॰ बकना का प्रेरणार्थक रूप] १. बक बक करने पर उद्यत करना । बक बक कराना । २. कहलाना । रटाना । उ॰— बार बार वकि श्याम सों कछु बोल बकावत । दुहुंघा द्वै दैतली भई अति मुख छबि पावत ।—सूर (शब्द॰) ।