प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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बकठाना † क्रि॰ [सं॰ विकुण्ठन] किसी बहुत कसैली चीज, जैसे कटहल के फूल या तेदू आदि के फल, खाने से मुँह का सूख जाना, उसका स्वाद बिगड़ जाना और जीभ का सुकड़ जाना ।