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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

बंधेज संज्ञा पुं॰ [हिं॰ बँधना + एज(प्रत्य॰)]

१. नियत समय पर और नियत रूप से मिलने या दिया जानेवाला पदार्थ या द्रव्य ।

२. नियत समय पर या नियत रूप से कुछ देने की क्रिया या भाव ।

३. किसी वस्तु को रोकने या बाँधने की क्रिया या युक्ति ।

४. रुकावट । प्रतिबंध । उ॰—सावंतन सह छिद्र करि नार कनैरा आय । विरसिंध दे बंधेज करि गढ़ गाँजर मह जाय ।—प॰ रासो, पृ॰ १३९ ।

५. नियंत्रण । बंधन । मर्यादा । उ॰—वर्णाश्रम बधेज करि अपने अपने धर्म ।—सुंदर॰ ग्रं॰ भा॰

१. पृ॰ १६८ ।

६. वीर्य को जल्दी स्खलित न होने देने की युक्ति । बाजीकरण ।