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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

फु संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. मंत्र पढ़कर फूँकने की ध्वनि । मंत्र पढ़कर फूँकने का शब्द ।

२. मामूली बात । तुच्छ या छोटी बात [को॰] ।