फाहा संज्ञा पुं॰ [सं॰ फाल (= रूई का) वा सं॰ पोत (= कपड़ा), प्रा॰ पोय, हिं॰ फोया] १. तेल, घी, इत्र आदि चिकनाई में तर की हुई कपड़े की पट्टी वा रुई का लच्छा । फाया । साया । २. मरहम से तर पट्टी जो घाव, फोड़े आदि पर रखी जाती है ।