फरमाना
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनफरमाना क्रि॰ स॰ [फा॰ फरमान] आज्ञा देना । कहना । उ॰— (क) सोयो बादशाह निसि आय कै सपन दियो कियो वाको इष्ट वेष कही प्यास लागी है । पीयो जल जाय आबखाने लै बखाने तब अति ही रिसाने को पियावै कोउ रागी है । फिरि मारयो लात अरे सुनी नहीं बात मेरी, आप फरमावो जो पियावे बड़ भागी है । सो तो तै लै कैद करयो सुनि अवरेउ डरयो भरयो हिय भाव मति सोवत से जागी है ।— प्रियादास (शब्द॰) । (ख) अब जो रोस साह उर आवै । तो हम पे फौजें फरमावै ।—लाल (शब्द॰) । विशेष—इस शब्द का प्रयोग प्रायः बड़ों के संबंध में उनके प्रति आदर सूचित करने के लिये होता है । जैसे,—यही बात मौलवी साहब भी फरमाते थे ।