प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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फबाना क्रि॰ स॰ [हिं॰ फबना का सक॰ रूप] उपयुक्त स्थान में लगाना । उचित स्थान पर रखना । ऐसी जगह लगाना य ा रखना जहाँ भला जान पड़े । उ॰—कहाँ साँच मैं खोवत करते झूठे कहाँ फबावत । सूर श्याम नागर नागारि वह हम तुम्हरे मन आवत ।—सूर (शब्द॰) ।