प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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फना संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ फना]

१. विनाश । नाश । बरबादी ।

२. मृत्यु । मौत । उ॰—(क) फना को करै कबूल सोई वह काबा पावै ।—पलटू॰, भा॰ १, पृ॰ ७६ ।

३. लुप्त । गायब । अंतर्घान । उ॰—मेरी तो इन हथकंड़ों से रूह फना होती है ।—रंगभूमि भा॰ २, पृ॰ ६९२ । मुहा॰—दम फना होना = मारे भय के जान सूखना । बहुत अधिक भयभीत होना । जैसे,—तुम्हें देखते ही लड़के का दम फना हो जाता है ।