प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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फतूह संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ फतूह 'फ़तह' का बहुवचन]

१. विजय । जीत । जय । उ॰—(क) सुनत फतुह शाह सुख पायो । बढ़ि नवाब को मन सब आय ।—लाल (शब्द॰) । (ख) दबटयो जोर सुभट समूह । वह बलिराम लेत फतूह ।—सूदन (शब्द॰) । (ग) पुहुमि को पुरहून शत्रुशाल को सपूत संगर फतूहै सदा जासों अनुरागती ।—मतिराम (शब्द॰) ।

२. विजय में प्राप्त धन आदि । वह धन जो लड़ाई जीतने पर मिला हो ।

३. लूट का माल ।