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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

फणी संज्ञा पुं॰ [सं॰ फणिन्]

१. साँप । उ॰—काल फणी की मणि पर जिसने फैलाया है अपना हाथ ।—साकेत, पृ॰ ३८६ ।

२. केतु नामक ग्रह ।

३. सीसा ।

४. मरुवा ।

५. महाभाष्यकार पतंजलि का नाम (को॰) ।

६. सर्पिणी नामक ओषाधि ।