फड़काना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन
शब्दसागर सम्पादन
फड़काना क्रि॰ स॰ [हिं॰ फड़कना का प्रे॰ रूप]
१. दूसरे को फड़कने में प्रवृत्त करना ।
२. उमंग दिलाना । उत्सुक बनाना ।
३. हिलाना । विचलित करना । मुहा॰—फड़का देना = मन में उमंग ला देना । तबियत फड़क जाना । उ॰—मगर बाह रे मौलवी, ऐसा गर्मागर्म फिकरा चुस्त किया कि फड़का दिया । इस सूझ बूझ के कुरबान ।—सैर कु॰, पृ॰ २६ ।