प्लव
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनप्लव ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. साठ संवत्सरों में से पैंतीसवाँ संवत्सर ।
२. मुरगा ।
३. उछलकर या उड़कर जानेवाले पक्षी आदि ।
४. कारंडव पक्षी ।
५. मेंढक ।
६. बंदर ।
७. भेड़ ।
८. चांडाल (डिं॰) ।
९. शत्रु । दुश्मन ।
१०. नागरमोथा ।
११. मछली पकड़ने का जाल या काठ का पाटा ।
१२. नहाना ।
१३. तैरना ।
१४. नदी की बाढ़ ।
१५. एक प्रकार का बगला ।
१६. कोई जलपक्षी ।
१७. शब्द । आवाज ।
१८. अन्न ।
१९. गोपाल करंज ।
२०. छोटी नौका । बाँस, तृण आदि से बनी नाव । उडुप (को॰) ।
२१. प्लक्ष का वृक्ष । (को॰) ।
२२. ढाल । उतार (को॰) ।
२३. कुदाना । उछाल (को॰) ।
२४. वापस होना या लौटना (को॰) ।
२५. प्रोत्साहन (को॰) ।
प्लव ^२ वि॰
१. तैरता हुआ ।
२. झुकता हुआ ।
३. क्षणभंगुर ।
४. कूदता या उछलता हुआ (को॰) ।
५. विशिष्ट । श्रेष्ठ । अत्कृष्ट (को॰) ।
- पल्व* एक प्राचिन भारतीय हिन्दु चंडाल जाति , जाति भास्कर मे हाडी को पल्व के नाम से संवोधित किया गया है