प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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प्रीतम संज्ञा पुं॰ [सं॰ प्रियतम]

१. पति । भर्ता । स्वामी । उ॰— ढाढी जइ प्रीतम मिलइ यूँ दाखविया जाइ ।— ढोला॰, दू॰ ११८ ।

२. वह जिससे प्रेम या स्नेह हो । प्वारा । उ॰— सुरत सज मिली जहाँ प्रीतम प्यारा ।—तुरसी श॰, पृ॰ २१ । यौ॰— प्रीतम गवनी = दे॰ 'प्रवत्स्यत्पतिका' । उ॰— चित ही चित चिंता परि लहिए । सो तिय प्रीतमगवनी कहिए ।— नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ १५८ ।