प्रान्त
संज्ञा
संज्ञा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
प्रांत संज्ञा पुं॰ [सं॰ प्रान्त] [वि॰प्रांतिक]
१. अंत । शेष । सीमा ।
२. किनारा । छोर । सिरा । उ॰—अधरों के प्रांतों पर खेलती रेखाएँ, सरस तरंग भंग लेती हुई हास्य की ।—अनामिका, पृ॰ ३७ ।
३. ओर । दिशा । तरफ ।
४. किसी देश के एक भाग । खंड । प्रदेश । जैसे, संयुक्त प्रांत, पंजाब प्रांत ।
५. एक ऋषि का नाम ।
६. इस ऋषि के गोत्र के लोग ।
७. कोना (जैसे, आँख का) । यौ॰—प्रांतग । प्रांतचर = दे॰ 'प्रांतग' । प्रांतदुर्ग । प्रांतनिवासी = दे॰ 'प्रांतग' । प्रांतपति = प्रदेशपति । राज्यपाल । गवरनर । प्रांतपुष्पा । प्रांतभूमि । प्रांतविरस = प्रारंभ में सरस पर अंत में रसहीन या बेरस । प्रांतवृत्ति । प्रांतशून्य = दे॰ 'प्रांतरशून्य' प्रांतस्थ ।