प्रस्रवण
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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन
शब्दसागर सम्पादन
प्रस्रवण संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. जल आदि (द्रव पदार्थों) का टपक टपककर या गिर गिरकर बहना ।
२. किसी स्थान से निकल निकलकर बहता हुआ पानी । सोता ।
३. किसी स्थान से गिरकर बहता हुआ पानी । प्रपात । झरना । निर्झर ।
४. पसीना ।
५. स्तनों से टपकता हुआ दूध ।
६. माल्यवान् पर्वत ।
७. पेशाब करना (को॰) ।
८. झरने के जल से बना हुआ कुंड (को॰) ।