प्रस्तुतीकरण संज्ञा पुं॰ [सं॰ प्रस्तुत + करण] प्रस्तुत करने का भाव उपस्थित करना । उ॰—पौराणिक कथाओं का प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण और मनुजता की अलौकिकता के ऊपर स्थापना आदि अनेक तत्व हिंदी कवियों के नवीन प्रयोगों के परिचायक है ।—हिं॰ का॰ प्र॰, पृ॰ १०८ ।