प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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प्रस्ताव संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. अवसर ।

२. प्रसंग । छिड़ी हुई बात ।

३. प्रकरण । विषय ।

४. अवसर पर कही हुई बात । जिक्र । चर्चा । उ॰—जीवन नाटक का अंत कठिन है मेरा, प्रस्ताव मात्रा में जहाँ अधैर्य अँधेरा ।—साकेत, पृ॰ २३५ ।

५. सभा या समाज में उठाई हुई बात । सभा के सामने उपस्थित मंतव्य (आधुनिक) । क्रि॰ प्र॰—करना ।—पास करना ।—होना ।—पारित करना ।—पारित होना ।

६. प्रकृष्ट स्तवन (को॰) ।

७. कथा या विषय के पूर्व का वक्तव्य प्राक्कथन । भूमिका । विषयपरिचय ।

८. सामवेद का एक अंश जो प्रस्तोता नामक ऋत्विक् द्वारा प्रथम गाया जाता है ।