हिन्दी सम्पादन

प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

प्रवह संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. खूब बहाव ।

२. कुंड जिसमें नाली द्वारा जल जाय ।

३. सात वायुओं में से एक वायु । विशेष—यह वायु आवह वायु के ऊपर है और इसी के द्वारा ज्योतिष्क पिंड आकाश में स्थित हैं ।

४. वायु । पवन (को॰) ।

५. अग्नि की सात जिह्वाओं में से एक ।

६. घर, नगर आदि से बाहर निकलना ।