प्रवर्तन
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनप्रवर्तन संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ प्रवर्तित, प्रव्त्नीय, प्रवर्त्य]
१. कार्य आरंभ करना । ठानना ।
२. कार्य का संचालन । काम को चलाना ।
३. प्रचार करना । जारी करना ।
४. उत्तेजना । प्रेरणा । उकसाना । उभारना ।
५. प्रवृत्ति । उ॰—विघ्न और बाधा की दशा में प्रेम काम करता हुआ नहीं दिखाई देता, एक और करुणा और दूसरी और क्रोध का प्रवर्तन ही देखा जाता है ।—रस॰, पृ॰ ७७ ।