प्रलाप
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनप्रलाप संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. कहना । बकना । कथन ।
२. दुःखपूर्ण रुदन । दुखड़ा रोना (को॰) ।
३. निरर्थक वाक्य । व्यर्थ की बकवाद । अनाप शनाप बात । पागलों की सी बड़बड़ । विशेष—ज्वर आदि के वेग में लोग कभी कभी प्रलाप करते है । वियोगियों की दस दशाओं में एक प्रलाप भी है ।