प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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प्रबोधन संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. जागरण । जागना ।

२. जगाना । नींद से उठाना ।

३. यथार्थ ज्ञान । बोध । चेत ।

४. बोध कराना । जताना । ज्ञान देना । चेत कराना । समझाना बुझाना ।

५. विकास या विकसित करने का कार्य ।

६. सात्वंना या सात्वंना देने का कार्य ।

७. गंध को दीप्त करना (को॰) । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना ।