प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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प्रतिज्ञा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. भविष्य में कोई कर्तव्य पालन करने, कोई काम करने या न करने आदि के संबंद में दृढ़ निश्चय । वह दृढ़तापूर्ण कथन या विचार जिसके अनुसार कोई कार्य करने या न करने का दृढ़ संकल्प हो । किसी बात को अवश्य करने या कभी न करने के संबंध में वचन देना । प्रण । जैसे— भीष्म ने प्रतिज्ञा की थी कि मैं आजन्म विवाह न करूँगा ।

२. शपथ । सौंगद । कसम ।

३. अभियोग । दावा ।

४. न्याय में अनुमान के पाँच खंडों या अवयवों में से पहला अवयव । वह वाक्य या कथन जिससे साध्य का निर्देश होता है । उस बात का कथ जिसे सिद्ध करना हो ।

५. स्वीकार । स्वीकरण । अँगीकरण (को॰) ।