प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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पौला † संज्ञा पुं॰ [हिं॰ पाव, पाउ + ला(प्रत्य॰)] एक प्रकार का खड़ाऊँ जिसमें खूँटी नहीं होती, छेद में बँधी हुई रस्सी में अगूँठा फँसा रहता है । उ॰—पोला पहिरि के हर जोतै और सुथना पहिरि निरावै । कहैं घाघ ये तीनों भकुआ सिर बोझा औ गाडै ।—घाघे (शब्द॰) ।