प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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पैवंद संज्ञा पुं॰ [फा़॰]

१. कपड़े आदि का वह छोटा टुकड़ा जो किसी बड़े कपड़े आदि का छेद बंद करने के लिये जोड़कर सी दिया जाता है । चकती । थिगली । जोड़ । क्रि॰ प्र॰—लगाना । मुहा॰—पैवंद लगाना = (१) बात में बात जोड़ना । मेल मिलाना । जैसे,—सारा लेख उनका लिखा है बीच बीच में आप भी पैवंद लगाए हैं । (२) अधूरी या बिगड़ी हुई बात में नई बात जोड़कर उसे पूर करना या सुधारना ।

२. किसी पेड़ की टहनी काटकर उसी जाति के दूसरे पेड़ क ी टहनी में जोड़कर बाँधना जिससे फल बढ़ जायँ या उनमें नया स्वाद आ जाय । क्रि॰ प्र॰—लगाना ।

३. मेल जोल का आदमी । इष्ट मित्र । संबंधी ।