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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

पुलिन संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. वह सीड़ या कीचड़ की जमीन जिसपर से पानी हटे थोड़े ही दिन हुए हों । पानी के भीतर से हाल की निकली हुई जमीन । चर ।

२. नदी आदि का तट । तीर । किनारा । उ॰—आवत धीर समीर तें, चल्या पुलिन को जात ।—घनानंद, पृ॰ १७८ ।

३. नदी के बीच पड़ी हुई रेत ।

४. एक यक्ष का नाम ।