पी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनपी पु ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ प्रिय] दे॰ 'पिय' । उ॰— राति अनत बसि भोर पी झूमत आए ऐन । निरखि न सौहैं नैन ती करति न सौहैं नैन ।— स॰ सप्तक, पृ॰ २५६ ।
पी ^२ संज्ञा स्त्री॰ [अनु॰] पपीहे की बोली । उ॰— पी पी करत पपीहा । पापी प्राण त्याग कर दैहौं । — श्रीनिवासदास (शब्द॰) । यौ॰— पी कहाँ = पपीहे की बोली ।