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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

पिशाच संज्ञा पुं॰ [सं॰] [स्त्री॰ पिशाची]

१. एक हीन देव- योनि । भूत । विशेष— यक्षों और राक्षसों से पिशाच हीन कोटि के कहे गए हैं और इनका स्थान मरुस्थल बताया गया है । ये बहुत अशुचि और गंदे कहे गए हैं । युद्धक्षेत्रों आदि में इनके बीभत्स काडों का वर्णन कवि लोगों ने किया है, जैसे खोपडी़ में रक्त पीना आदि ।

२. प्रेत (को॰) ।

३. अत्यंत क्रूर और दुष्ट व्यक्ति (को॰) ।