प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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पिरोना क्रि॰ स॰ [सं॰ प्रोत, प्रा॰ पोइअ, पोअ + ना (प्रत्य॰)]

१. छेद के सहारे सूत तागे आदि में फँसाना । सूत तागे आदि में पहनाना । गूथना । पोहना । जैसे, तागे में मोती पिरोना, माला पिरोना ।

२. सूत तागे आदि को किसी छेद के आर- पार निकालना । तागे आदि को छेद में डालना । जैसे, सुई में तागा पिरोना । संयो॰—देना ।—लेना ।