पाठक
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनपाठक संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. जो पढे़ । पढ़नेवाला । वाचक ।
२. जो पढा़वे । पढा़नेवाला । अध्यापक ।
३. धर्मोंपदेशक ।
४. गौड़, सारस्वत, सरयूपारीण, गुजराती आदि ब्राह्मणों का एक उपवर्ग ।
५. गुप्तकाल में प्रचलित एक बडे़ माप का नाम जो कुल्यावाप से पँचगुना होता था । उ॰—पिछले गुप्तकाल में एक बडे़ माप का नाम मिलता है जिसे पाठक कहते थे । — पू॰ म॰ भा॰,पृ॰ १२३ ।