प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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पा संज्ञा पुं॰ [हिं॰ पाद, फा़॰ पा] पैर । चरण । उ॰—(क) परि पा करि बिनती घनी नीमरजा हौं कीन । अब न नारि अर करि सकै जदुबर परम प्रवीन ।—स॰ सप्तक, पृ॰ २२० । (ख) पा पकरो बैनी तजो धरमै करिए आजु । भोर होत मनभावतो भलो भूलि सुभ काजु ।—भिखारी॰ ग्रं॰, भा॰ १, पृ॰ ४८ ।