पलंग
संज्ञा
पर्यायवाची
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
पलंग संज्ञा पुं॰ [सं॰ पल्यङ्क]
१. अच्छी चारपाई । अच्छे गोडे़, पाटी और बुनावट की चारपाई । अधिक लंबी चौड़ी चारपाई । पर्यक । पल्यंक । खाट । क्रि॰ प्र॰— बिछाना । मुहा॰— पलंग को लात मारकर खड़ा होना =(१) छठी, बरही आदि के उपराँत सौरी से किसी स्त्री का भली चंगी बाहर आना । निरोग और भली चंगी सौरी से बाहर आना । सौरी काल समाप्त कर बाहर निकलना (बोलचाल) । (२) कोई बड़ी बीमारी झेलकर अच्छा होना । बीमारी से उठना । खाट सेकर उठना (बोलचाल) । पलंग तोड़ना = बिना कोई काम किए सोया या पड़ा रहना । कुछ काम न करने हुए समय काटना । निठल्ला रहना । खाट तोड़ना । पलंग लगाना = बिछौना बिछाना । किसी के सोने के लिये पलंग पर बिछौना बिछाना और तकिया आदि को यथास्थान रखना । बिस्तर दुरुस्त करना ।