परुष
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनपरुष ^१ वि॰ [सं॰] [वि॰ स्त्री॰ परुषा]
१. कठोर । कड़ा । कर्कश । सख्त । अत्यंत रूखा या रसहीन ।
२. अप्रिय लगनेवाला । बुरा लगनेवाला । जिसका ग्रहण दुःखदायक हो (शब्द, वचन, उक्ति या इनके पर्यायों के साथ) ।
३. निष्ठुर । निर्दय । न पिघलनेवाला ।
४. तीव्र । तीखा । उग्र । तीक्ष्ण । जैसे, वायु (को॰) । मलिन । पंकिल । गंदा (को॰) ।
६. पीन । पीवर । स्थूल (को॰) ।
७. धब्बेदार । चितकबरा (को॰) ।
परुष ^२ संज्ञा पुं॰ १ नीली कटसरैया ।
२. फालसा ।
३. खरदूषण का एक सेनापति ।
४. तीर । बाण ।
५. सरकंडा । सरपत ।
६. परुष वचन । कठोर बात । लगनेवाली या अप्रिय बात । यौ॰—परुषवचन = कठोर, अप्रिय या कटु लगनेवाली बात । परुषात्तर, परुषाक्षेप = किसी मत या वाद के खंडन में कठोर- कटु शब्दों का प्रयोग । परुषेतर । परुषोक्ति = दे॰ 'परुष- वचन' ।