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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

परिहा संज्ञा पुं॰ [?] एक प्रकार का छँद । जैसे,—सुनत दूत के बचन चतुर चित में ईसे । लेहिताक्ष द्वै करन बात में हम फँसे । बल ते सबै उपाय और तब कीजिए । नहि दैहों भेंट कुठार प्राण को लीजिए ।—हनुमन्नाटक (शब्द॰) ।