प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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परिधि संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. वह रेखा जो किसी गोल पदार्थ के चारो ओर खींचने से बने । गोल बस्तु की चौहदी बनानेवाली रेखा । गोल पदार्थ का विस्तार नियमित करनेवाली रेखा । घेरा ।

२. रेखागणित में वह रेखा जो किसी वृत्त के चारो ओर खिंची हुई हो । वृत्त की चतु:सीमा प्रस्तुत करनेवाली रेखा । दायरे की शक्ल या चौहदी बनानेवाली रेखा । घेरा ।

३. सूर्य चंद आदि के आस पास देख पड़नेवाला घेरा । परिवेश । मंडल ।

४. किसी प्रकार का,विशेषत:किसी वस्तु की रक्षा के लिये बनाया हुआ,घेरा । बाड़ा,रूँधान या चहारदीवारी ।

५. घेरा । सीमा । वृत्त । दायरा । उ॰—मैं किसी उचित रीति से उसकी शत्रुता की परिधि के बाहर जा सकता हुँ ।—भारतेंदु॰ ग्रं॰,भा॰ २,पृ॰ ६२३ । ६ यज्ञकुंड़ के आसपास गाड़े जानेवाले तीन खूँटे । विशेष—इन खूँटों के नाम दक्षिण,उत्तर और मध्यम होते थे ।

६. कक्षा । नीयत या नियमित मार्ग ।

७. परिधेय । कपड़ा । वस्त्र । पोशाक ।

८. प्रकाशमंडल । ज्योतिवृत्त (को॰) ।

९. आवरण (को॰) ।

१०. पहिए का धेरा (को॰) ।

११. क्षितिज (को॰) ।

१२. समिधा (को॰) ।