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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

परिज्ञान संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. किसी वस्तु का भली भाँति ज्ञान । पूर्ण ज्ञान । सम्यक् ज्ञान ।

२. निश्चयात्मक ज्ञान । ऐसा ज्ञान जिसपर पूरा भरोसा हो । उ॰—तुम्हें इतनी भी समझ या परिज्ञान नहीं ।—प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ॰ ४६ ।

३. सूक्ष्म ज्ञान । भेद अथवा अंतर का ज्ञान । किसी वस्तु के सूक्ष्म से सूक्ष्म गुण दोषों का ज्ञान ।