परिचय
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनपरिचय संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. किसी विषय या वस्तु के संबंध की प्राप्त की हुई अथवा मिली हुई जानकारी । ज्ञान । अभिज्ञता । विशेष जानकारी । जैसे,—थोड़े दिनों से मुझे भी उनके स्वभाव का परिचय हो गया है ।
२. प्रमाण । लक्षण । जैसे,— उस पद पर थोड़े ही दिनों तक रहकर उन्होंने अपनी योग्यता का अच्छा परिचय दिया था ।
३. किसी व्यक्ति के नामधाम या गुणकर्म आदि के संबंध की जानकारी । जैसे,—मुझे आपका परिचय नहीं मिला । क्रि॰ प्र॰—कराना ।—देना ।—दिलाना ।—पाना ।— मिलना ।—होना ।
४. जान पहचान । जैसे,—यहाँ तो बहुत से आदमियों के साथ आपका परिचय है ।
५. अभ्यास । मश्क ।
६. हठयोग में नाद की चार अवस्थाओं में से तीसरी अवस्था ।
७. इकट्ठा करना । एकत्र करना । जमा करना (को॰) ।
परिचय करुणा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] बढ़ता हुआ प्रेम । प्रवर्धित करुणा [को॰] ।