परवा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनपरवा ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ पुट वा पूर, हिं॰ पुर, पुरवा] [स्त्री॰ अल्पा॰ परई] मिट्टी का बना हुआ कटोरे के आकार का बरतन । कोसा ।
परवा ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ प्रतिपदा, प्रा॰ पडिवा] पक्ष की पहली तिथि । पड़बा । परिवा ।
परवा ^३ संज्ञा स्त्री॰ [फा़॰]
१. चिंता । व्यग्रता । खटका । आशंका । जैसे,(क) उसकी धमकी की मुझे परवा नहीं हैं । (ख) तु मेरा साथ न दोगे तो कुछ परवा नहीं ।
२. ध्यान । ख्याल । किसी बात की ओर दतचित्त होने का भाव । जैसे—(क) तुम उस लड़के की पढाई लिखाई की कुछ परवा नहीं रखते । (ख) उसे इतना लोग समझाते हैं पर वह कुछ परवा नहीं करता ।
३. आसरा । भरोसा । जैसे,—जिसके घर में सब कुछ है उसे दूसरे की क्या परवा । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना ।
परवा ^४ संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] एक प्रकार की घास ।