प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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परदार पु ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ पर + दार]

१. लक्ष्मी ।

२. पृथ्वी । उ॰—आनँद के कंद सुरपालक से बालक ये, परदार प्रिय साधु मन वच काय के ।—राम चं॰, पृ॰ २१ ।

३. दूसरे की स्त्री । पराई औरत । जैसे, परदाररत = पराई स्त्री पर अनुरक्त ।

परदार पु ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ पहरेदार] पहरा देनेवाला । पहरेदार । पौरिया । उ॰—परदार पौरि दस दस प्रमान । राजत अनेक भर सुभ्भि थाँन ।—पृ॰ रा॰, १९ ।६३ ।