प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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पथराना कि॰ अ॰ [हिं॰ पत्थर से नामिक धातु]

१. सूखकर पत्थर की तरह कड़ा हो जाना ।

२. ताजगी न रहना । नीरस और कठोर हो जाना ।

३. स्तब्ध हो जाना । सजीव न रहना । जैसे, आँखें पथराना ।