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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

पत्ता ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ पत्र, पत्रक] [स्त्री॰ पत्ति]

१. पेड़ या पौधे के शरीर का वह हरे रंग का फैला हुआ अवयव जो कांड या टहनी से निकलता है और थोड़े दिनों के पीछे बदल जाता है । पलास । पत्रक । पर्ण । छदन । छादन । वर्ह । वर्हन । विशेष—पत्ते के बीच की जो मोटी नस होती है वह पीछे की ओर टहनी से जुड़ी होती है । वह नस आगे की ओर उत्तरोत्तर पतली होती जाती है । इस नस के दोनों ओर अनेक पतली नसें निकलती हैं । ये खड़ी और ओड़ी नसें ही पत्ते का ढाँचा होती हैं । नसों का यह जाल हरे आच्छादन से ढका होता है । बहुत से वृक्षों और पौधों के पत्तों का अंतिम भाग नोकदार अथवा कुछ कुछ गावदुम होता है, पर कुछ के पत्ते बिलकुल गोल भी होते हैं । नया निकला हुआ पत्ता हरापन लिए लाल होता है । इस अवस्था में उसे 'कोपल' कहते हैं । कुछ पेड़ों के पत्ते प्रतिवर्ष पतझड़ के दिनों में झड़ जाते हैं । इस समय वे प्रायः वर्णहीन होते हैं । इन दो अवस्थाओं के अतिरिक्त अन्य सब समय पत्ता हरा ही होता है । पत्ता वृक्ष या पौधे के लिये बड़े काम का अंग है । वायु से उसे जो आहार मिलता है । वह इसी के द्वारा मिलता है । निरिंद्रिय आहार को सेंद्रिय द्रव्य में परिवर्तित कर देना पत्ते ही का काम हैं । कुछ वृक्षों के पत्ते हाथ का भी काम देते हैं । इनके द्वारा पौधे वायु में उड़ानेवाले कीड़ों को पकड़कर उनका रक्त चूसते हैं । महा॰ —पत्ता खड़ाना = किसी के पास आने की आहट मिलना । कुछ खटका या आशंका होना । आशंका की कोई बात होना । जैसे,—पत्ता खड़का, बंदा भड़का ।—(कहावत) । पत्ता तोड़कर भागना = बड़े बेग से दौड़ते हुए भागना । सिर पर पैर रखकर भागना । पत्ता न हिलना = हवा में गति न होना । हवा का बिलकुल बंद होना । हब्स होना । जैसे,— आज सारे दिन पत्ता न हिला । पत्ता लगना = पत्ते में सटे रहने के कारण फल में दाग पड़ जाना वा उसका कुछ अंश सड़ जाना । पत्ता हो जाना = इतनी तेजी से दौड़कर जाना कि लोग वाग देख न सकें । क्षणमात्र में अदृश्य हो जाना । उड़न छू हो जाना । काफूर हो जाना । उड़ जाना ।

२. कान में पहनने का एक गहना जो वालियों में लटकाया जाता है ।

३. मोटे कागज का गोल या चौकोर खंड । जैसे, ताश का पत्ता, गंजीफे का पत्ता, तागे का पत्ता ।

४. धातु की चादर । पत्तर ।

५. नाव के डाँड़े का वह अगला भाग जिसमें तख्ती जड़ी रहती है और जिसकी सहायता से पानी काटा जाता है । फन । (लश॰) ।

पत्ता ^२ वि॰ बहुत हलका ।