प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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पत्तर संज्ञा पुं॰ [सं॰ पत्र]

१. धातु का ऐसा चिपटा लंबोतरा टुकड़ा जो पीटकर तैयार किया गया हो और पत्ते की तरह पतला होने पर भी कड़ा हो तथा जिसकी तह या परत की जा सके । धातु की चादर । जैसे,—(क) मंदिर के शिखर पर सोने का पत्तर चढ़ा है । (ख) यंत्र बनाने के लिये ताँबे का एक पत्तर ले आओ । विशेष—कागज की तरह महिन पत्तर जो झट मोड़ा और तह किया जा सके 'वर्क' कहलता है ।

२. दे॰ 'पत्तल' ।