प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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पताकी संज्ञा पुं॰ [सं॰ पताकिन्] [स्त्री॰ पताकिनी ?]

१. पताका- धारी । झंड़ी उठानेवाला ।

२. रथ ।

३. एक योद्धा जो महाभारत में कौरवों की ओर से लड़ा था ।

४. झंड़ा । ध्वज ।

५. फलित ज्योतिष में राशियों का एक विशेष वेध जिससे जातक के अरिष्ट काल की अवधि जानी जाती है ।