पंडा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनपंडा ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ पण्डित] [स्त्री॰ पंडाइन]
१. किसी तीर्थ या मंदिर का पुरोहित या पुजारी । तीर्थ पुरोहित । मंदिर का पुजारी । घाटिया । पुजारी । उ॰—माया महा ठगिन हम जानी । तिर्गुन फाँस लिए कर डोलै बोलै मधुरी बानी । केशव के कमला ह्वै बैठी शिव के भई भवानी । पंडा के भूरति ह्वै बैठी तीरथ में भई पानी ।—कबीर (शब्द॰) ।
२. रोटी बनानेवाला ब्राह्मण । रसोइया ।
पंडा ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ पण्डा]
१. विवेकात्मिका बुद्धि । विवेक । ज्ञान । बृद्धि ।
२. शास्त्रज्ञान ।