पंचशील
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनपंचशील संज्ञा पुं॰ [सं॰ पञ्चशील]
१. बौद्ध धर्म के अनुसार शील या सदाचार के पाँच सिद्धांत जिसका आचरण प्रत्येक धर्मशील व्यक्ति के लिये आवश्यक बताया गया है—(१) अस्तेय (चोरी न करना); (२) अहिंसा (हिंसा न करना), (३) ब्रह्मचर्य (व्यभिचार न करना), (४) सत्य (झूठ न बोलना) और (५) मादक द्रव्यों का भोग न करना ।
२. पाँच राज- नितिक सिद्धांत जो सन् १९५४ के बाँदुंग संमेलन में एशिया और अफ्रीका के प्रमुख देशों द्वारा शांति बनाए रखने के उद्देश्य से स्थिर किए गए हैं । ये इस प्रकार हैं ।—(१) राज्य की अखंडता और प्रभुता के प्रति परस्पर संमान, (२) परस्पर अनाक्रमण का आश्वासन, (३) आंतरिक मामलों में अहस्तक्षेप, (४) परस्पर समानता का भाव और (५) शांतिमय सहअस्तित्व ।