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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

पंचरात्र संज्ञा पुं॰ [सं॰ पञ्चरात्र]

१. पाँच रातों का समूह ।

२. एक यज्ञ जो पाँच दिन में होता था ।

३. वैष्णव धर्म का एक प्रसिद्ध ग्रंथ ।

४. भास कवि का एक नाटक ।