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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

पंचमहापातक संज्ञा पुं॰ [सं॰ पञ्चमहापातक] पाँच प्रकार के महापाप । विशेष—मनुस्मृति के अनुसार ये पाँच महापातक हैं—ब्रह्महत्या, सुरापान, चोरी, गुरु की स्त्री से व्यभिचार और इन पातकों के करनेवालों के साथ संसर्ग ।