पंचपात्र संज्ञा पुं॰ [सं॰ पञ्चपात्र] १. गिलास के आकार का चौड़े मुँह का एक बरतन जो पूजा में ज/?/ रखने के काम में आता है । हसके मुँह का घेरा पेदे के घेरे के बराबर ही हीता है । २. पार्वण श्राद्ध । ३. पाँच पात्रों का समूह (को॰) ।